The best Side of Shodashi

Wiki Article



The working day is observed with fantastic reverence, as followers pay a visit to temples, provide prayers, and be involved in communal worship gatherings like darshans and jagratas.

ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥

कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।

The Chandi Path, an integral A part of worship and spiritual observe, Specifically all through Navaratri, is not really simply a textual content but a journey in itself. Its recitation is a robust Instrument while in the seeker's arsenal, aiding inside the navigation from ignorance to enlightenment.

सा मे दारिद्र्यदोषं दमयतु करुणादृष्टिपातैरजस्रम् ॥६॥

प्रणमामि महादेवीं परमानन्दरूपिणीम् ॥८॥

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में get more info धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

ह्रीं‍श्रीर्मैं‍मन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा

श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।

कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं

If you are chanting the Mantra for a specific intention, publish down the intention and meditate on it five minutes right before beginning With all the Mantra chanting and 5 minutes following the Mantra chanting.

श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् ॥१७॥

ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं तां वन्दे सिद्धमातृकाम् ॥५॥

सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।

Report this wiki page